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Friday, May 7, 2010

dostiiii yarrrrrr

आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,

क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,

तोह चाँद की चाहत किसे होती.

कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,

तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.

कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना,

इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,

जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना,

न बताकर बेवफाई मत करना.

दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है

अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है

दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,

अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है.

दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.

दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही,

इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,

यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . .

सची है दोस्ती आजमा के देखो..

करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,

बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,

चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं

it's my fabrittttttttttt

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,

जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.

मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,

संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.

कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

hi

Banke ajnabi mile the zindagi ke safar mein kahin,
In yadon ke lamho ko kabhi bhulayenge nahi,
Agar yaad rakhna fitrat hai aapki,
To bhool jane ki aadat hamein bhi nahi!!!!
Unhe pyar karna nahi aata,
Hume pyar ke siva kuch nahi aata,
Jeene ke sirf do hi raste hai......
Ek unhe nahi aata ek hame nahi aata.
Aankho me rahne walo ko yaad nahi karte,
Dil me rehne walo ki baat nahi karte,
Humari to rooh me bas gaye aap,
Tabhi to hum milne ki fariyad nahi karte.
Khushkismat Hain Hum Ke Mili Hai Mohabbat Humein,
Zindagi Ke Safar Mein Aakhir Mili Hai Jannat Humein
Tanhai Ka Mausam Chhaya Tha Mere Jeevan Pe Kabhi,
Aaj Mausam Ka Rukh Badalne Ki Mili Hai Taaqat Humein
Taqdeer Mein Apni Kahan Khushi Ka Basera Tha Dost,
Aapke Pyaar Ne Kar Diya Hai Gham Se Rukhsat Humein
Kehte Hain Ki Khushi Ka Doosra Naam Mohabbat Hai,
Is Khushi Ko Haasil Karne Ki De Dijiye Ijaazat Humein

hii frnds

सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगाआज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बाते
और ये यादें हो ना हो
आज एक बार मन्दिर हो आओ
पुजा कर के प्रसाद भी चढाओ
क्या पता कल के कलयुग मे
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो
बारीश मे आज खुब भीगो
झुम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो
आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो
आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो
क्या पता
कल हो ना...........आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ

Monday, April 5, 2010

ye zindgi mujhe door le chal is jahaan se
mujhe is jahaa me koi apna sa nahi lagta
log to bahut mil jaate hai har mod par
par ye do pal ka saath kya sapna sa nahi lagta
is zindgi ne yu to dhero gum diye mujhe bhi
kya ye gumo ka sagar bhi abhi kaafi nahi lagta
is bheed bhari duniya me koi kisika saath nahi deta
andhere me to saaya bhi juda insaan se hai lagta
me kise sunau apni dastaan kise sunau apna gum
jo samjhe mera gum aisa sakhs bhi to nahi dikhta
badhe ja rahe hai kadam na jaane kis aur
ab to sareer ka ek-ek katra bhi dagabaaz sa hai lagta
Na jane kab khatm hoga ab ye daur intejar ka,
Kab se hai ankhon me khwab tere deedar ka,
Ab har raah hai suni , na koi manjar hai mera,
har pal hai andhera har pal hai adhura,
ab talak dur hai sahil, ye jal manjhdhar ka,
kabhi to khatma hoga ye daur intejaar ka...